Sunday ko nangapan karte hue washroom me

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खोश बादों को भवर क्या, बेखुती क्या जीज़ है?

एश्वादी भी निर्समची जिन्दगी क्या थी से

खोश बादों को पबर क्या बेखुदी क्या थी

उनसे नज़र क्या मिले रोशन फिजाने बादे

उनसे नज़र क्या मिले रोशन फिजाने बादे

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