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रात के साड़े डस बच चुके थे अचानक लाइट चली गई और बिजली कड़कने लगी
और मैं दर के मारे विरेन के सीने से लिपट गई अंधिरा हो चुका था और दर्वाजा पहले से ही बंद था
मैं उससे एसी लिपट गई कि हमारे शरीज से हवा भी पास नहीं हो सकती थी और मेरी बूब्स उसके सीने से तब रहे थे
वो भी अब बहुत गर्म हो चुका था क्योंकि धन्डी हवा चल रही थी और उसमें मेरी गर्म सासे उसके उम्मद होश कर रही थी
वो मेरी पीड पे हाद खुमा रहा था और कई सालों से किसी मर्का सबश नहीं हुआ था मुझे तो इस वज़े से मैं भी बीकाओ और विचलत हो चुकी थी
Understanding the girls feeling